चित्तौड़गढ़ राजस्थान के उदयपुर संभाग का जिला है, जिसका जिला मुख्यालय चित्तौड़गढ़ नगर है। यहां का इतिहास स्वाभिमानी वीरों, वीरांगनाओं से भरा है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग का निर्माण चित्रांगद चित्रक) मौर्य ने करवाया था। इसी के नाम पर इस स्थान का नाम चित्रकूट पड़ा, जो आगे चल कर चित्तोड़ हो गया।
प्रशासनीक इकाईयां
तहसील - 11 पंचायत समिति - 11 संभाग - उदयपुर
महत्वपूर्ण तथ्य
राजस्थान का चित्तौड़गढ़ जिला घोड़े की नाल के समान है। राजस्थान का एक खंण्डीत जिला भी है - चित्तौड़गढ़ व रावतभाटा। नगरी सभ्यता - चित्तौड़गढ़। बेगू - रियासतकालीन किसान आन्दोलन के लिए प्रसिद्ध । महाराणा प्रताप की समाधी - बांडोली, चित्तौड़गढ़। उपरमाल - चित्तौड़गढ़ के भैंसरोड़गढ़ से लेकर भिलवाड़ा के बिजोलिया तक का पठारी भाग उपरमाल कहलाता है। (भौगोलिक नाम) मेसा का पठार - चित्तौड़गढ़। चम्बल नदी- चम्बल नदी मध्यप्रदेश में जानापाव की पहाड़ी से निकलती है, तथा चित्तौड़गढ़ की चैरासीगढ़ से राजस्थान में प्रवेश करती है।
राणा प्रताप सागर बांध - चम्बल नदी पर रावतभाटा में स्थित।(चम्बल नदी घाटी परियोजना) गंभीरी नदी - गंभीरी नदी मध्यप्रदेश के जावरा(रतलाम) की पहाड़ीयों से निकलती है, तथा चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा में राजस्थान में प्रवेश करती है। चूलिया जल प्रपात - यह चित्तौड़गढ़ के रावतभाट के चूलियां गांव में चम्बल नदी पर 60 फीट ऊंचा जल प्रपात है।
भैंसरोड़गढ़ - यह बामनी और चम्बल नदियों के संगम पर बना है। ओराई सिंचाई परियोजना - चित्तौड़गढ़ जिले में भोपालपुरा गांव के पास ओराई नदी पर एक बांध का निर्माण किया गया। गंम्भीरी परियोजना - निम्बाहेड़ा, चित्तौड़गढ़ के पास गंम्भीरी नदी पर। बस्सी अभ्यारण्य - चित्तौड़गढ़ (यह एशियाई शेरों के लिए प्रसिद्ध रहा है)। भैंसरोड़गढ़ अभ्यारण्य - चित्तौड़गढ़।
चित्तौड़गढ़ दुर्ग - चित्तौड़गढ़ दुर्ग का निर्माण मौर्य शासक चित्रक ने गंभीरी और बेड़च के संगम पर करवाया था। बाद में इसे बापा रावल ने इसे मौर्यो से जीत लिया। दुर्ग में विजय स्तम्भ,रानी पद्मिनी का महल, मीराबाई का मंदिर, कुंभश्याम मंदिर आदि है। विजय स्तम्भ - इसे महाराणा कुंम्भा ने महमूद खिलजी पर विजय के उपलक्ष में 1440 में बनवाया था। कीर्ति स्तम्भ - यह जैन तीर्थकर आदिनाथ स्मारक है, इसे दिगम्बर जैन महाजन जीजाक ने बनवाया था। मातृकुण्डिया - राशमी के हरनाथपुरा गांव में चंद्रभागा नदी के किनारे स्थित पवित्र धार्मिक स्थल है। इसे ‘राजस्थान का हरिद्वार भी कहा जाता है। यहां के पवित्र जल में श्रद्धालु अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जीत करते हैं। यहां वैसाख पूर्णिमा को मेला भरता है।
फतह प्रकाश महल - महाराणा फतहसिंह द्वारा निर्मित महल। राजस्थान पर्यटन विकास की दृष्टि से यह जिला मेवाड़ सर्किट में आता है। राजस्थान अण शक्ति संयंत्र - रावतभाटा, चित्तौड़गढ़। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड - चंदेरीया, चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ में औद्योगिक विकास) राजस्थान राष्ट्रीय कैमिकल एण्ड फर्टिलाइजस लिमिटेड - कपासन, चित्तौड़गढ़ (डी. ए. पी.)।
द मेवाड़ शुगर मिल्स लिमिटेड - भोपाल सागर चित्तौड़गढ़ (राजस्थान की प्रथम चीनी मिल्स)। सीमेन्ट उत्पादन में चित्तौड़गढ़ का राजस्थान में प्रथम स्थान है। जे. के. व्हाइट (सफेद सीमेन्ट का कारखाना) - मांगरोल, चित्तौड़गढ़। जे. के. सीमेन्ट - निम्बाहेड़ा, चित्तौड़गढ़। बिरला जूट - चित्तौड़गढ़। जाजम प्रिन्ट - चित्तौड़गढ़। दाबू प्रिन्ट - अकोला, चित्तौड़गढ़। काष्ट कला - बस्सी, चित्तौड़गढ़। लकड़ी की गणगौर, कावड़, चौपड़ा, बाजोर - बस्सी चित्तौड़गढ़।