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हनुमानगढ़- Rajasthan GK With Map


हनुमानगढ़ 12 जुलाई 1994 को गंगानगर से पृथक हो कर स्वतंत्र जिला बना। यह राजस्थान के उत्तर में घग्घर नदी के तट पर स्थित है। प्राचीनकाल में यहां शिवालिक पहाड़ियों से निकली सरस्वती तथा दृषद्वती नदियां बहती थी। प्राचीन काल में यह जगह भटनेर कहलाती थी क्योंकि यहाँ भाटी राजपूतों का शासन था। जैसलमेर के भाटी राजा भूपत सिंह ने भटनेर का प्राचीन किला सन 2 9 5 में बनवाया। सन 1805में बीकानेर के राजा सूरत सिंह ने यह किला भाटियों से जीत लिया था। इसी विजय को आधार मान कर जो कि मंगलवार को हुई थी इसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया क्योंकि मंगलवार हनुमान जी का दिन माना जाता है। 

हनुमानगढ़ प्रशासनीक इकाईयां 

तहसील-7 पंचायत समिति-7 संभाग - बीकानेर

हनुमानगढ़ महत्वपूर्ण तथ्य 

कालीबंगा - 5000 ईसा पूर्व की सिन्धु घाटी सभ्यता का केंद्र जहाँ एक साइट.म्यूजियम भी है। यहां का उत्खनन कार्य श्री बी. बी. लाल एवं श्री बी. के. थापर के नेतृत्व में किया गया था।(कालीबंगा) रंग महल - यहां खुदाई में ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी से 300 ईस्वी तक के अवशेष मिले हैं। करणपुरा नोहर सिन्धुघाटी सभ्यता का नवीनतम स्थल है। 

घग्घर नदी इलाके की एकमात्र नदी है जबकि इंदिरा गांधी फीडर प्रमुख नहर है। अन्य नहरें हैं भाखरा और गंग कैनाल।(घग्घर नदी) सिद्धमुख नहर परियोजना - अब इसका नाम राजीव गांधी नहर परियोजना इसका शिलान्यास राजीव गांधी ने 5 अक्टुबर 1989 को भादरा के निकट भिरानी गांव में किया। (सिद्धमुख नहर परियोजना)  तलवाडा झील - यहाँ पर पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के बीच तराइन का युद्ध लड़ा गया था। यहां एक मिठे पानी की झील है। मसीतां वाली हेड -जहाँ से इंदिरा गांधी नहर राजस्थान में प्रवेश करती है। 

भटनेर दुर्ग - भटनेर दुर्ग एक धान्वन दुर्ग है। घग्घर नदी के तट पर इस दुर्ग का निमाण जैसलमेर के राजा भाटी के पुत्र भूपत ने 295 ईसवी में करवाया था। संगरिया संग्रहालय - संगरिया कस्बे में स्थित सर छोटू स्मारक संग्रहालय में मिट्टी, पत्थर, धातु, कांच की चूड़ियां, शिलालेख, ताम्रपत्र, पुराने सिक्के आदि वस्तुएं प्रदर्शित की गई है। शिक्षा संन्त स्वामी केशवानन्द हनुमानगढ के ही संगरिया तहसील से थे। 

मेला भाद्रपद माह में भरता है। गोगामेडी को शीर्ष मेड़ी भी कहते हैं। इस पर बिस्मिला शब्द अंकित है। सिल्लामाता मंदिर- माना जाता है कि मंदिर में स्थापित शिला का पत्थर घघ्घर नदी में बह कर आया था। भद्रकाली मंदिर - घघ्घर नदी के किनारे बना प्राचीन मंदिर है जिसमें प्रति वर्ष चैत्र सुदी अष्टमी एवं नवमी को विशाल मेला भरता है। इसकी स्थापना बीकानेर के राजा रामसिंह ने कि थी। ब्राह्मणी माता - पल्लू में माता के मंदिर में चैत्र माह की शुक्ल अष्टमी को विशाल मेला भरता है। राजस्थान गौवंश प्रजनन केन्द्र नोहर। राजस्थान की सहकारी सूती मिल हनुमानगढ़। सबसे कम औद्योगिक इकाईयों वाला जिला। वर्तमान में हनुमानगढ़ में कोई वन्य जीव अभ्यारण्य नहीं है। पीलिबंगा का बड़ोपल साइबेरियन सारस के लिए प्रसिद्ध है।

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