राजस्थान प्राचीन नाम एवं भौगोलिक उपनाम
इस ब्लॉग में हम राजस्थान के प्राचीन नाम, क्षेत्रीय नाम (Marwar, Mewar, Shekhawati आदि) और विभिन्न नगरों/क्षेत्रों के भौगोलिक उपनाम को परीक्षा की दृष्टि से व्यवस्थित रूप से पढ़ेंगे। यह टॉपिक RPSC, RAS, REET, पटवार, पुलिस, SI, शिक्षक भर्ती जैसी लगभग सभी परीक्षाओं में पूछा जाता है।
1. टॉपिक क्यों महत्वपूर्ण है?
किसी भी राज्य की पहचान केवल वर्तमान नाम से नहीं, बल्कि उसके ऐतिहासिक नामों, सांस्कृतिक क्षेत्रों और भौगोलिक उपनामों से भी होती है। राजस्थान की भूमि सदियों से अलग-अलग नामों से जानी जाती रही है – जैसे राजपुताना, मारवाड़, मेवाड़, शेखावाटी आदि। आज की प्रतियोगी परीक्षाओं में इन नामों पर आधारित सही Matching, Column-type और One-liner MCQ बार-बार पूछे जाते हैं।
2. राजस्थान के प्रमुख प्राचीन/ऐतिहासिक नाम
सम्पूर्ण राजस्थान या इसके बड़े हिस्से के लिए इतिहास में अलग-अलग समय पर विभिन्न नाम प्रयुक्त हुए। इनमें से कुछ सीधे प्रश्न के रूप में पूछे जाते हैं।
राजस्थान – प्रमुख ऐतिहासिक/क्षेत्रीय क्षेत्र
नवीनतम 41 जिला मैप के साथ क्षेत्रीय नामों को कलर कोड से समझे।
*इस तरह के मानचित्र में केवल मोटे रूप में क्षेत्र दिखाए जाते हैं, सटीक जिला-सीमा की आवश्यकता नहीं होती। परीक्षा में सामान्य Matching पर अधिक फोकस रहता है।
3. राजस्थान के क्षेत्रीय नाम – कौन-सा क्षेत्र कहाँ?
राजस्थान को सांस्कृतिक एवं भौगोलिक दृष्टि से अनेक क्षेत्रों में बाँटा जाता है। नीचे दी गई तालिका में प्रमुख क्षेत्र और उनमें आने वाले वर्तमान जिले (सामान्य रूप में) दिए गए हैं:
| क्षेत्रीय नाम | संक्षिप्त क्षेत्र / मुख्य जिले | परीक्षा दृष्टि से याद रखने योग्य बात |
|---|---|---|
| मारवाड़ | मुख्यतः जोधपुर, जैसलमेर, पाली, बाड़मेर, नागौर के भाग | थार मरुस्थल के अंदर प्रमुख रियासतें – जोधपुर राज्य का प्रभाव क्षेत्र |
| मेवाड़ | उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा के भाग | गहलोत/सिसोदिया राजवंश का क्षेत्र; झीलों व किलों के लिए प्रसिद्ध |
| हाड़ौती | कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ | चम्बल घाटी क्षेत्र; कोटा–बूंदी की घाटियाँ व बरसाती नदियाँ |
| शेखावाटी | सीकर, झुंझुनूं, चूरू के भाग | हवेलियों, भित्तिचित्रों एवं प्रवासी व्यापारियों के लिए प्रसिद्ध |
| ढूंढाड़ | मुख्यतः जयपुर, दौसा, टोंक क्षेत्र | पूर्व में आमेर राज्य; वर्तमान जयपुर क्षेत्र को ढूंढाड़ कहा जाता है |
| वागड़ | बांसवाड़ा, डूंगरपुर | घने वन, जनजातीय क्षेत्र; माही नदी घाटी |
| गोडवाड़ / गोगुंदा क्षेत्र | पाली, सिरोही, उदयपुर के पश्चिमी भाग | अरावली के दक्षिण-पश्चिम ढाल पर स्थित क्षेत्र |
| मेवात | अलवर एवं भरतपुर के कुछ भाग | मेव समुदाय बहुलता वाला क्षेत्र |
4. राजस्थान के प्रमुख भौगोलिक उपनाम – नगर/शहर
अलग-अलग शहरों एवं स्थलों को उनकी विशेषताओं के आधार पर उपनाम दिए गए हैं। यह भाग प्रतियोगी परीक्षाओं में सबसे अधिक पूछा जाता है।
| नगर / स्थान | भौगोलिक / लोकप्रिय उपनाम | संकेत / कारण |
|---|---|---|
| जयपुर | गुलाबी नगरी (Pink City) | पुराने शहर की गुलाबी रंग की इमारतें |
| जोधपुर | सूर्य नगरी, नीली नगरी | धूपदार जलवायु, नीले रंग से पुती हवेलियाँ |
| उदयपुर | झीलों की नगरी | पिचोला, फतेहसागर, उदयसागर आदि झीलें |
| जैसलमेर | स्वर्ण नगरी (Golden City) | पीली रेत व पीले पत्थर के किले/हवेलियाँ |
| बीकानेर | ऊँट नगरी | ऊँट प्रजनन व ऊँट उत्सव के लिए प्रसिद्ध |
| कोटा | शिक्षा नगरी, चम्बल नगरी | कोचिंग संस्थान एवं चम्बल नदी घाटी |
| माउंट आबू | राजस्थान का शिमला | हिल स्टेशन व शीतल जलवायु |
| भीलवाड़ा | वस्त्र नगरी | टेक्सटाइल उद्योग का प्रमुख केंद्र |
| पाली | औद्योगिक नगरी | कई प्रकार के उद्योग एवं कारखाने |
| अजमेर | तीर्थ नगरी, राजस्थान का हृदय | अजमेर शरीफ दरगाह, ब्रह्मा मंदिर (पुष्कर) एवं बोर्ड कार्यालय |
Rajsthan Map – राजस्थान के प्रमुख उपनाम वाले नगर
राजस्थान के प्रमुख जिलों के उपनाम मानचित्र
5. क्षेत्र/प्रदेश आधारित भौगोलिक उपनाम
कई बार उपनाम किसी पूरे जिले या पट्टी के लिए भी प्रयुक्त होते हैं, जैसे –
- श्रीगंगानगर–हनुमानगढ़ : राजस्थान का अनाज भंडार (इंदिरा गांधी नहर के कारण)
- थार मरुस्थल : ग्रेट इंडियन डेजर्ट (Great Indian Desert)
- अरावली पर्वतमाला : राजस्थान की जीवन रेखा (जलवायु व वर्षा पर प्रभाव)
- माही नदी घाटी (वागड़ क्षेत्र) : दक्षिणी राजस्थान का जल-समृद्ध क्षेत्र
Self-Practice Rajsthan Blank Map – खाली रूपरेखा पर नाम लिखें
प्रैक्टिस के लिए Rajasthan outline map उपयोग करें।
*Print निकालकर या कॉपी में बनाकर इस map पर मारवाड़, मेवाड़, हाड़ौती, शेखावाटी आदि क्षेत्र तथा जयपुर – गुलाबी नगरी, जोधपुर – सूर्य नगरी आदि उपनाम स्वयं लिखने की प्रैक्टिस करें।
6. रैपिड रिवीजन – एक नजर में
- ब्रिटिश काल में राजस्थान को मुख्यतः राजपुताना कहा जाता था।
- मारवाड़ – जोधपुर केन्द्रित पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्र; मेवाड़ – उदयपुर केन्द्रित दक्षिण-मध्य क्षेत्र।
- जयपुर – गुलाबी नगरी, जोधपुर – सूर्य/नीली नगरी, उदयपुर – झीलों की नगरी, जैसलमेर – स्वर्ण नगरी, बीकानेर – ऊँट नगरी।
- कोटा – शिक्षा व चम्बल नगरी, माउंट आबू – राजस्थान का शिमला।
- शेखावाटी – सीकर/झुंझुनूं/चूरू; हाड़ौती – कोटा/बूंदी/बारां/झालावाड़; वागड़ – बांसवाड़ा/डूंगरपुर।
प्रैक्टिस MCQ – प्राचीन नाम एवं भौगोलिक उपनाम
- “राजपुताना” नाम मुख्यतः किसके लिए प्रयुक्त होता था? (A) थार मरुस्थल (B) राजस्थान क्षेत्र (C) गंगीय मैदान (D) दक्कन का पठार
- शेखावाटी क्षेत्र निम्न में से किन जिलों से सम्बंधित माना जाता है? (A) कोटा–बूंदी–बारां (B) सीकर–झुंझुनूं–चूरू (C) बांसवाड़ा–डूंगरपुर (D) जोधपुर–पाली
- “झीलों की नगरी” किसे कहा जाता है? (A) अजमेर (B) उदयपुर (C) जैसलमेर (D) बीकानेर
- “ऊँट नगरी” राजस्थान का कौन-सा शहर कहलाता है? (A) बीकानेर (B) जोधपुर (C) बारmer (D) जैसलमेर
- हाड़ौती क्षेत्र का मुख्य नदी-तंत्र निम्न में से किस पर आधारित है? (A) लूणी (B) माही (C) चम्बल (D) बनास
