Search Suggest

Climate of Rajasthan

राजस्थान भूगोल · टॉपिक 2

राजस्थान की जलवायु (Climate of Rajasthan)

इस लेख में राजस्थान के जलवायु प्रकार, मानसूनी पैटर्न, वार्षिक वर्षा वितरण, तापमान रेंज और क्षेत्रीय विविधता को प्रतियोगी-परीक्षा दृष्टि से विस्तार से समझेंगे।

राजस्थान जलवायु इलस्ट्रेशन
मुख्य प्रकार शुष्क/अर्ध-शुष्क (अधिकाँश पश्चिमी भाग), उष्ण कटिबंधीय मानसूनी उत्तर-पूर्वी भाग
मानसून दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) मुख्य वर्षा-स्रोत — परन्तु वितरण असमान
वार्षिक वर्षा 100 mm (अत्यंत शुष्क भाग) से 1000+ mm (दक्षिण-पूर्वी पहाड़ियाँ) तक
उपयोगी परीक्षा-टिप “अरावली वर्षा-छाया” और “Thar का कम वर्षा वाला क्षेत्र” अक्सर पूछे जाते हैं

2.1 राजस्थान के जलवायु क्षेत्र (Climate Zones)

राजस्थान के जलवायु विविधता को मुख्यतः निम्न भागों में बाँटा जा सकता है — प्रत्येक भाग की वर्षा एवं तापमान की विशेषताएँ अलग-अलग हैं:

  • अत्यधिक शुष्क मरुस्थलीय (Hyper-arid Desert) — थार के हृदयस्थल (Jaisalmer, Barmer, parts of Jodhpur)
  • शुष्क से अर्ध-शुष्क क्षेत्र (Arid to Semi-arid) — अधिकांश पश्चिमी व मध्य राजस्थान (Jodhpur, Bikaner, Nagaur)
  • उष्ण कटिबंधीय मानसूनी (Tropical Monsoon influenced) — अरावली के पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी भाग (Kota, Udaipur, Banswara area)
  • पर्वतीय/हिल क्लाइमेट — Mount Abu (cooler temperatures, higher rainfall compared to surrounding)

वर्षा वितरण मानचित्र (Rainfall Distribution Map)

नोट: placeholder को आप अपने generated rainfall map से बदलें — prompt नीचे दिया गया है।
Rajasthan rainfall distribution map

Suggested prompt: “Choropleth map of Rajasthan showing annual rainfall gradients (mm) with zones: <100, 100–300, 300–600, 600–1000+; soft orange-blue palette, labeled cities, clean infographic style.”

2.2 मानसून व वर्षा-रूप (Monsoon & Rainfall Pattern)

राजस्थान में वर्षा का प्रमुख स्रोत दक्षिण-पश्चिम मानसून है। परन्तु अरावली पर्वतमाला और राज्य की ज्योग्राफी के कारण वर्षा का वितरण असमान है।

  • मानसून अवधि: जून से सितंबर (मुख्य) — अक्टूबर-नवंबर में उत्तर-पश्चिमी मानसून के बाद गुलाबी कम बारिश
  • वर्षा का वितरण: पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ने पर वर्षा बढ़ती है — पश्चिमी थार में बहुत कम; पूर्व-दक्षिण-पूर्व में अधिक
  • वार्षिक औसत: राज्य का औसत लगभग 400–500 mm (विविधता बहुत ज्यादा)
  • वर्षा की अनिश्चितता: स्थानीय तूफानी वर्षा और दैवीय चक्रों के कारण सूखे/अत्यधिक वर्षा दोनों संभावित

अरावली का वर्षा पर प्रभाव

अरावली नदी-दिशा और ऊँचाई के कारण पश्चिमी भाग पर वर्षा-छाया बनता है। अर्थात अरावली के पश्चिम में वर्षा बहुत कम रहती है जबकि पूर्व में अपेक्षाकृत अच्छी व्यवस्था मिलती है।

2.3 तापमान (Temperature)

राजस्थान में तापमान की चरम सीमाएँ काफी अधिक हैं — गर्मियों में अधिकतम और सर्दियों में न्यूनतम तापमान दोनों चरम होते हैं।

  • गर्मी (Summer): मार्च–जून; मैक्सिमम टेंप. अक्सर 45°C से ऊपर (Jaisalmer, Barmer, Bikaner में)।
  • सर्दी (Winter): दिसंबर–जनवरी; न्यूनतम टेंप. कोटा/उदयपुर में 5–6°C तक, हवाओं होने पर और भी कम।
  • Diurnal Variation: रेगिस्तानी क्षेत्रों में दिन और रात के तापमान में बहुत बड़ा फर्क होता है।
Chart idea: Monthly Average Temperature & Rainfall chart for Jaipur/Jodhpur/Udaipur (use combined bar-line chart). Replace with generated chart image.

2.4 अतिवृष्टि, आँधी-कुहासा और सूखा (Extreme Weather Events)

राजस्थान में सूखा और अतिवृष्टि — दोनों घटनाएँ होती हैं। इसके अलावा गर्मी-लहरें, धूल-तूफान और बारिश के दौरान बाढ़ जैसी स्थानीय घटनाएँ भी होती हैं।

  • सूखा: पश्चिमी भाग (थार) नियमित सूखा-प्रवण।
  • धूल-तूफान: गर्मी के अंतिम चरण में अक्सर आता है, दृश्यता कम करता है।
  • आफत-प्रबंधन: जल-संग्रह, सूखा-रॉस्टर और कृषि-किर्तियाँ—परीक्षा में योजनाओं से जुड़े सवाल आते हैं।

2.5 जलवायु का कृषि व मानव गतिविधि पर प्रभाव

वर्षा की अनिश्चिता और रेगिस्तानी/अर्ध-शुष्क वास्तविकता के कारण राजस्थान की कृषि विशेषतः मानसून पर निर्भर है; नहर-सिंचाई और पेयजल योजनाएँ कृषि व जीवन पर निर्णायक प्रभाव डालती हैं।

  • कृषि: बाजरा, मोरी, ज्वार, चना, सरसों (dryland crops)
  • नहरों का महत्व: Indira Gandhi Canal ने श्रीगंगानगर–हनुमानगढ़ क्षेत्रों को हरित बनाया
  • जल-संग्रह तकनीक: बावड़ी, जोहड़, टांके, step-wells — स्थानीय जल-प्रबंधन के उदाहरण
Exam Tip: प्रश्न अक्सर पूछते हैं — “राजस्थान में वर्षा का असमान वितरण क्यों होता है?” — उत्तर लिखते समय अरावली की भूमिका, पश्चिम-पूर्व अक्षांश विस्तार और मानसून मार्ग का हवाला दें।

त्वरित सारांश

  • राजस्थान की जलवायु मुख्यतः शुष्क/अर्ध-शुष्क; पश्चिमी भाग अत्यधिक शुष्क है।
  • मानसून (जून–सितंबर) प्रमुख वर्षा स्रोत; अरावली वर्षा-छाया बनाती है।
  • वार्षिक वर्षा में बहुत भिन्नता (100 mm — 1000+ mm)।
  • तापमान में बड़ा डायर्नल और सीज़नल अंतर — गर्मी में 45°C+ संभव, सर्दी में 5°C से नीचे भी।

प्रैक्टिस MCQ — राजस्थान की जलवायु

  1. राजस्थान का अधिकांश भाग किस जलवायु श्रेणी में आता है?
    (A) उपोष्णकटिबंधीय समशीतोष्ण (B) शुष्क/अर्ध-शुष्क (C) समशीतोष्ण मॉनसून (D) भूमध्यसागरीय
  2. अरावली पर्वतमाला का वर्षा पर कौन-सा प्रभाव है?
    (A) पश्चिमी भाग की वर्षा बढ़ती है (B) वर्षा-छाया बनती है (C) कोई प्रभाव नहीं (D) समुद्री हवाएँ रोकती है
  3. राजस्थान में अधिकतम वार्षिक वर्षा सामान्यतः किस क्षेत्र में होती है?
    (A) पश्चिमी थार (B) उत्तरी मरुस्थल (C) दक्षिण-पूर्वी पर्वतीय/उदयन क्षेत्रों (D) मध्य पठार
  4. Indira Gandhi Canal का जलवायु/कृषि पर क्या प्रमुख प्रभाव रहा?
    (A) पश्चिमी राजस्थान को हरित बनाना (B) वर्षा घटाना (C) तापमान बढ़ाना (D) पर्वतों को कटाना
उत्तर: 1-(B), 2-(B), 3-(C), 4-(A)

2.6 उपयोगी इमेज/प्रॉम्प्ट (for generating assets)

  • Rainfall choropleth prompt:
    “Choropleth map of Rajasthan showing annual rainfall ranges (<100, 100–300, 300–600, 600–1000+ mm), labeled cities, soft orange to blue palette, clean infographic style, high resolution.”
  • Temperature & Rainfall chart prompt:
    “Combined bar-line chart: Monthly rainfall (bars) and average temperature (line) for Jaipur/Jodhpur/Udaipur, minimal flat colors, high resolution.”
  • Climatic zones illustration prompt:
    “Flat vector map of Rajasthan showing climate zones: hyper-arid, arid, semi-arid, monsoon-influenced; labeled with icons (sun, cloud), pastel palette, educational style.”

Categorised Posts