राजस्थान के विशेष क्षेत्रीय कार्यक्रम (Special Area Development Programmes)
राजस्थान में भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक विविधता के कारण कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें विशेष योजनाओं के माध्यम से अलग रूप से विकसित किया जाता है। सूखा प्रभावित क्षेत्र, मरुस्थलीय क्षेत्र, आदिवासी क्षेत्र, अरावली क्षेत्र और बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाएँ लागू हैं।
13.1 विशेष क्षेत्रीय कार्यक्रमों की आवश्यकता
राजस्थान के कई क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों की कमी, बिखरी बस्तियाँ, भौगोलिक चुनौतियाँ और सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन पाया जाता है। इन क्षेत्रों को मुख्यधारा विकास से जोड़ने के लिए सरकार ने विशेष क्षेत्रीय कार्यक्रम (Special Area Development Programmes) लागू किए हैं।
विशेष क्षेत्र – मानचित्र (Special Zones Map)
राजस्थान के मरुस्थलीय, आदिवासी व डांग क्षेत्र
Image Prompt:
“Flat vector map of Rajasthan showing desert area, tribal belt (Banswara–Dungarpur–Udaipur), DDP zones, DPAP areas, Aravalli hill region, soft pastel orange theme, infographic style.”
13.2 राजस्थान के प्रमुख विशेष क्षेत्रीय कार्यक्रम
1. डेजर्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम (DDP)
- स्थापना: 1977–78
- उद्देश्य: मरुस्थलीकरण रोकना, चारागाह विकसित करना, पेयजल उपलब्ध कराना
- लागू जिले: जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर आदि
- उपाय: सेंड-ड्यून स्टेबलाइजेशन, चेक-डैम, कंटूर बंडिंग, घास रोपण
2. ट्राइबल सब-प्लान (TSP)
- आदिवासी बहुल क्षेत्रों में केंद्रित विकास
- मुख्य जिले: बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, प्रतापगढ़, सिरोही
- मुख्य उद्देश्य: शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि-सहायता, पेयजल, सड़क-बिजली
3. MADA (Modified Area Development Approach)
- आदिवासी जनसंख्या 20% से कम लेकिन विशेष समर्थन की आवश्यकता वाले क्षेत्र
- उद्देश्य: छोटे आदिवासी क्लस्टरों का विकास, रोजगार, सामाजिक सेवाएँ
4. DPAP — Drought Prone Area Programme
- उद्देश्य: सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल संरक्षण
- लागू क्षेत्र: पूर्वी व दक्षिणी जिलों के वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र
- मुख्य गतिविधियाँ: तालाब निर्माण, वर्षा जल संचयन
5. Desert Corps (मरुस्थल कोर)
- BSF व सेना द्वारा संचालित सामुदायिक विकास कार्यक्रम
- मुख्य क्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास
- उद्देश्य: आपदा सहायता, जल संरक्षण, चिकित्सा शिविर
6. पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम
- अरावली पर्वतमाला के क्षरण रोकथाम हेतु
- उद्देश्य: वनरोपण, जल संरक्षण, मृदा संरक्षण
7. मुख्यमंत्री विशेष क्षेत्र विकास कार्यक्रम
- राज्य सरकार द्वारा पिछड़े क्षेत्रों में अतिरिक्त बजट प्रावधान
- सड़क, चिकित्सा, शिक्षा, पेयजल हेतु विशेष फंड
13.3 इन कार्यक्रमों के सकारात्मक प्रभाव
- मरुस्थलीकरण में कमी
- भूजल स्तर में सुधार
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि
- आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक-सांस्कृतिक विकास
- जंगल/चारागाह आवरण में वृद्धि
- ग्रामीण संपर्कता और पेयजल पहुँच में सुधार
त्वरित सारांश
- विशेष क्षेत्रीय कार्यक्रम क्षेत्रीय असमानता कम करने हेतु संचालित होते हैं।
- मुख्य कार्यक्रम: DDP, DPAP, TSP, MADA, Hill Area Development।
- सबसे अधिक लाभ मरुस्थलीय व आदिवासी क्षेत्रों को।
- विकास के मुख्य क्षेत्र — जल, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क।
प्रैक्टिस MCQ (विशेष क्षेत्रीय कार्यक्रम)
-
डेजर्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम (DDP) मुख्यतः किन जिलों में लागू है?
(A) कोटा–झालावाड़ (B) बाड़मेर–जैसलमेर (C) भरतपुर–धौलपुर (D) अलवर–जयपुर -
आदिवासी क्षेत्रों के विकास हेतु कौन-सा कार्यक्रम संचालित होता है?
(A) DPAP (B) DDP (C) TSP (D) Desert Corps -
DPAP का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(A) मरुस्थल विस्तार (B) सूखा प्रबंधन (C) ऊर्जा संरक्षण (D) सड़क निर्माण -
MADA किन क्षेत्रों के लिए बनाया गया है?
(A) बड़े आदिवासी जिलों के लिए (B) वे क्षेत्र जहाँ आदिवासी आबादी <20% हो (C) केवल मरुस्थलीय क्षेत्र (D) पर्यटन क्षेत्र
13.4 श्रृंखला पूर्ण
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