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Physical Features of Rajasthan

राजस्थान भूगोल · टॉपिक 3

राजस्थान का भौतिक स्वरूप (Physical Features of Rajasthan)

इस लेख में राजस्थान के प्रमुख भौतिक घटक — अरावली पर्वतमाला, थार मरुस्थल, पठार, मैदानी भूभाग, घाटियाँ और उनकी भूमिकाएँ — परीक्षा-उन्मुख (RPSC, RAS, REET, SI, आदि) दृष्टि से समझेंगे।

राजस्थान भौतिक स्वरूप इलस्ट्रेशन
मुख्य भौगोलिक इकाइयाँ अरावली सीमा, थार मरुस्थल, पूर्वी उपजाऊ मैदान, दक्षिणी पठार (मालवा-मेवाड़)
उत्कृष्ट विशेषता राज्य का अधिकतम भाग शुष्क/अर्धशुष्क मरुस्थल में आता है; क्षेत्रीय विविधता अत्यधिक
उपयोगी परीक्षा-टिप अरावली को 'राजस्थान की रीढ़' कहा जाता है — अक्सर MCQ में यही पूछा जाता है
आश्रित विषय जलवायु, नदियाँ, मिट्टी, वनस्पति और जल संरक्षण (अगले टॉपिक्स में विस्तार से)

3.1 राजस्थान के प्रमुख भौगोलिक/भौतिक भाग (Physiographic Divisions)

सामान्यतः राज्य को नीचे दिए गए चार/पाँच भौगोलिक भागों में बाँटा जाता है — और ये पृथक पारिस्थितिक, जलवायु और मानव उपयोग के हिसाब से महत्वपूर्ण हैं:

A. अरावली पर्वतमाला (Aravalli Range)

अरावली उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक तिरछी रेखा बनाती हुई राज्य के मध्य भाग से गुज़रती है। यह प्राचीन पर्वतमाला (Precambrian rocks) है और भारत की सबसे पुरानी पर्वतमालाओं में गिनी जाती है।

  • दिशा: उत्तर-पूर्व → दक्षिण-पश्चिम (Sirohi–Delhi तक)
  • लक्ष्यबिंदु: सांभर, अलवर, उदयपुर, भीलवाड़ा, सिरोही इत्यादि के आसपास
  • भूमिका: वर्षा छाया प्रभावित करती है; जलग्रहण क्षेत्र को प्रभावित; खनिज संसाधन (ग्रेनाइट, राजमाता)
  • परीक्षा-नोट: अरावली रेंज राज्य को शुष्क पश्चिमी भाग और अपेक्षाकृत आर्द्र पूर्वी भाग में बाँटती है।

B. थार मरुस्थल (Great Indian Desert / Thar Desert)

राजस्थान के पश्चिमी भाग में विस्तृत थार मरुस्थल है — यह क्षेत्र रेतीला, कम वर्षा वाला और रेगिस्तानी जीवन-तंत्र का प्रतिनिधित्व करता है।

  • मुख्य जिलों में: जैसलमेर, बारमेर, बीकानेर, जोधपुर, पश्चिमी भाग के जिले
  • विशेषताएँ: रेतीले टीले (sand dunes), अपर्याप्त सतही जल, पारम्परिक जल-संग्रह (बावड़ी, तालाब), ऊंट पालन
  • मानचित्र/इलस्ट्रेशन: थार के रेगिस्तान/रेतीले ढलानों का दिखाने वाला sectional diagram लाभदायक।

C. पूर्वी उपजाऊ मैदान (Eastern Plains / Chambal–Banas Plains)

अरावली के पूर्व में आने वाला क्षेत्र अपेक्षाकृत उपजाऊ मैदान है — जहाँ कृषि अधिक सम्भव है और नदियाँ सहायक भूमिका निभाती हैं।

  • मुख्य प्रदेश: हटौती, मेवाड़ के पूर्वी भाग, धुंधार/ढूंढाड़
  • भूमिका: खेती, सिंचाई परियोजनाएँ और घनत्व जनसंख्या मतलबी केंद्र

D. दक्षिणी पठार / मंगल पठार (Southern Plateau — part of Malwa / Mewar plateau)

राज्य का दक्षिणी भाग मध्यप्रदेश के मैदानी और पठार से जुड़ता है — ऊँचा पठारी भूभाग, जहाँ की भूमि तथा वन कुछ भिन्नता रखते हैं।

राजस्थान: भौतिक विभागों का मानचित्र (Physiographic Map)

नोट: नीचे इमेज placeholder को अपने generated vector map से बदलें — prompt नीचे दिया गया है।
राजस्थान का भौतिक स्वरूप मानचित्र — Aravalli, Thar, Plains, Plateau

Suggested image prompt (high-quality vector):
“Flat vector physiographic map of Rajasthan showing Aravalli Range (NE–SW), Thar Desert (west), eastern plains, and southern plateau; soft orange/beige palette, labeled zones, compass, clean infographic style.”

3.2 अरावली का भू-गठन और महत्व (Aravalli — Geology & Importance)

अरावली क्रिटेशियस या उससे भी प्राचीन (Precambrian) शिलाओं की बनी पर्वतमाला है। इसकी उम्र अर्थशास्त्र और भू-विज्ञान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है — यहाँ भारत की प्राचीन प्लेन्स मौजूद हैं और खनिज भण्डार पाए जाते हैं।

  • उम्र: अरावली का निर्माण बहुत प्राचीन — Precambrian rocks (ओल्डेस्ट रेंज में से)।
  • खनिज: ग्रेनाइट, खनिज रेत, कुछ स्थानों पर तांबा/लौह के अवशेष।
  • जल संसाधन पर प्रभाव: अरावली वर्षा के पैटर्न और सतही जल के बहाव को प्रभावित करती है; कई छोटे जलग्रहण अरावली के तल पर बनते हैं।

3.3 थार मरुस्थल — भौतिक विशेषताएँ (Thar Desert — Physical Traits)

थार मरुस्थल केवल रेतीला क्षेत्र ही नहीं — यह ऐस्टेबल और चलती रेत के टीले, ओएसिस, तथा पारम्परिक मानव-तंत्र (बावड़ी, तालाब, पेयजल कुएँ) का संगम है। यहाँ की मिट्टी हल्की रेतीली, कमजोर जल-धारणशील और नमी-रहित होती है।

  • रेतीले टीले (sand dunes) — स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार
  • रेतीले क्षेत्र में कृषि केवल नहर/सिंचायी प्रणालियों पर निर्भर
  • वनस्पति: झाड़ी, कंटीली झाड़ियाँ, xerophytic species

3.4 नदी घाटियाँ, घाटी-अवस्थाएँ और पठार (Valleys, Drainage & Plateaus)

अरावली के पूर्व में नदियाँ (जैसे बनास) और चंबल के उपनदियाँ बहती हैं—ये पूर्वी भाग को उपजाऊ बनाती हैं। दक्षिणी राजस्थान मेवाड़-पठार का हिस्सा है — जहाँ की सतह अपेक्षाकृत ऊँची और चट्टानी है।

Cross-section Illustration (Aravalli → Plains → Desert)

Replace with a cross-section/vector diagram for classroom use.
Cross section Aravalli to Thar Desert illustration
Exam Tip: अरावली और थार के कारण राजस्थान में वर्षा, नदियों और मिट्टी के पैटर्न में स्पष्ट अंतर आता है — अक्सर प्रश्न में "अरावली किस दिशा में फैली है?" या "राजस्थान के किस भाग में थार का विस्तार है?" जैसे straightforward सवाल पूछे जाते हैं।

त्वरित सारांश (Quick Revision)

  • अरावली: NE–SW दिशा, राज्य की रीढ़, प्राचीन पर्वतमाला।
  • थार मरुस्थल: पश्चिमी राजस्थान, रेतीला, कम वर्षा, पारम्परिक जल-संग्रह का महत्व।
  • पूर्वी मैदान: अरावली के पूर्व में उपजाऊ; नहर/सिंचाई उपयोगी।
  • दक्षिणी पठार: मेवाड़/मालवा का जुड़ाव, ऊँचा और चट्टानी क्षेत्र।

प्रैक्टिस MCQ — राजस्थान का भौतिक स्वरूप

  1. अरावली पर्वतमाला राजस्थान में किस दिशा में फैली है?
    (A) उत्तर-दक्षिण (B) पूर्व-पश्चिम (C) उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम (D) दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व
  2. थार मरुस्थल का अधिकांश भाग राजस्थान के किस हिस्से में आता है?
    (A) पूर्वी (B) दक्षिणी (C) पश्चिमी (D) उत्तरी
  3. राजस्थान में कौन-सा भाग तुलनात्मक रूप से सबसे अधिक उपजाऊ है?
    (A) थार (B) अरावली की पश्चिमी ढलान (C) अरावली के पूर्वी मैदान (D) दक्षिणी पठार
  4. अरावली पर्वतमाला का महत्व किस बात से जुड़ा नहीं है?
    (A) वर्षा प्रत्यावर्तन (B) खनिज भण्डार (C) समुद्री तटीय संरक्षण (D) पारिस्थितिक विभाजन
उत्तर: 1-(C), 2-(C), 3-(C), 4-(C)

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