Search Suggest

tribes-rajasthan

राजस्थान समाज·टॉपिक 10

राजस्थान की प्रमुख जनजातियाँ (Major Tribal Communities)

यह लेख राजस्थान में बसे प्रमुख जनजातीय समुदायों — उनकी भौगोलिक उपस्थिति, जीवन-यापन, सांस्कृतिक विशेषताएँ, सामाजिक-आर्थिक मुद्दे और संरक्षण/कल्याण योजनाओं का परीक्षा-उन्मुख सार देता है।

Rajasthan tribes illustration
प्रमुख जनजातियाँ Bhil, Meena, Sahariya, Garasia, Banjara, Rabari (pastoral) आदि
केंद्रित क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम (Bhil belt), पूर्वी-दक्षिणी (Meena stronghold), उत्तर-पश्चिम (nomadic groups)
मुख्य आजीविका जंगल आधारित अर्थव्यवस्था, कृषि, पशुपालन, कुम्हार/हस्तकला, मजदूरी
समस्याएँ भूमि अधिकार, सीमित सेवाएँ, शिक्षा/स्वास्थ्य कम कवरेज, गरीबी

10.1 सामान्य परिचय

राजस्थान में कई पारंपरिक जनजातीय समुदाय सदियों से बस्तियाँ बनाए हुए हैं। वे अपनी स्थानीय पारिस्थितिकी, भाषा/उपभाषा, रीति-रिवाज और सांस्कृतिक पहचान के लिए जाने जाते हैं। इन समुदायों का सामाजिक-आर्थिक विकास और संरक्षण नीतियों में एक विशेष ध्यान रहता है।

जनजातीय वितरण मानचित्र (Tribal Distribution Map)

Placeholder — नीचे दिए प्रॉम्प्ट से high-quality vector map बनाएँ।
Tribal distribution map

Image prompt: “Flat vector map of Rajasthan showing tribal belts: Bhil belt (Sirohi, Banswara, Dungarpur, Udaipur), Meena dominated districts (Karauli, Sawai Madhopur, Tonk, Dausa etc), Sahariya pockets (Baran, Jhalawar), icons for pastoral groups (Rabari), clean educational style.”

10.2 प्रमुख जनजातियाँ — सारांश एवं विशेषताएँ

जनजातिमुख्य आवास / जिलेंमुख्य आजीविका और विशेषताएँ
Bhil दक्षिण-पश्चिमी जिलों — Banswara, Dungarpur, Udaipur, Sirohi जंगल-आधारित आजीविका, शिकार-परम्पराएँ (पारम्परिक रूप से), लोक-नृत्य-संगीत (घूमर/भिला लोक), हस्तशिल्प
Meena पूर्वी-दक्षिण-पूर्वी जिलें — Sawai Madhopur, Karauli, Dausa, Tonk, Kota (कई जिलों में) कृषि-आधारित, भूमि मालिक/किसान समुदाय के रूप में भी प्रतिष्ठित; समृद्ध लोक-परम्पराएँ; कुछ उप-समुदाय सामाजिक राजनीतिक प्रभाव रखते हैं
Sahariya / Saharia Baran, Jhalawar और आसपास के पूर्व-दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों जंगल व मिश्रित कृषि पर निर्भर; पारंपरिक औषधीय ज्ञान; आर्थिक रूप से संवेदनशील समूह
Garasia Udaipur के पर्वतीय व सिंचित क्षेत्र; भील-सन्निकट क्षेत्र परम्परागत कृषि, कुछ स्थलांतरित समूह; विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान और वस्त्र/गहने
Banjara (Lambadi) / Nomadic groups उत्तरी-पश्चिम, मण्डी क्षेत्रों तथा ट्रांसहुमन्स घुमंतू व्यवसाय — व्यापार, पशुपालन; पारंपरिक कलात्मक संगठन (कढ़ाई, गहने)
Rabari / Raika पश्चिमी-मरुस्थलीय क्षेत्रों में चारागाह क्षेत्र पशुपालन (ऊँट, भेड़-बकरी), गहन बस्तियों; पारंपरिक वस्त्र व गहने; पशु-जनित व्यवसाय

10.3 सांस्कृतिक परम्परा और जीवन-शैली

  • भाषा/उपभाषा: Bhili (Bhil groups), विभिन्न राजस्थानी उपभाषाएँ, आदिवासी बोलियाँ
  • लोक-कला: संगीत, नृत्य (घूमर, भिल लोक गीत), पारम्परिक चित्रकला और टिकी/कढ़ाई
  • त्योहार: स्थानीय पर्व और कृषि-सम्बन्धी उत्सव (होलिका, नवरात्र, स्थानीय मेल-ठेल)
  • हस्तकला: बुनाई, कढ़ाई, लकड़ी/लौह काम, मिट्टी के बर्तन

10.4 सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ

  • भूमि अधिकार और भूमि का असुरक्षित पट्टा
  • शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित पहुँच
  • गरीबी एवं रोजगार-अभाव
  • परंपरागत आजीविका पर दबाव (वन, चरागाह की कमी)
  • घुमंतू समूहों के लिए नागरिक सुविधाओं का अभाव

10.5 राज्य एवं केन्द्र सरकार की प्रमुख पहलकदमियाँ

  • अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय स्तर की योजनाएँ — Scheduled Tribe focused schemes (Scholarships, Livelihood programmes)
  • भूमि/स्वामित्व सुधार योजनाएँ तथा forest-rights implementation (Forest Rights Act के अंतर्गत अधिकारों का क्रियान्वयन स्थानिक संदर्भ में लागू होता है)
  • NRLM/Day-NULM जैसी रोजगार/स्वरोजगार योजनाएँ और कृषि-सहायता कार्यक्रम
  • स्वास्थ्य मिशन व शिक्षा-विकास पहल — मोबाइल स्वास्थ्य, अन्य सेवाएँ (प्रदेशीय योजनाएँ अलग-अलग)

10.6 सांस्कृतिक संरक्षण एवं संवर्धन

परंपरागत कला, भाषा और लोक-परम्पराओं को संरक्षित करने के लिए लोक-कला मेले, हस्तशिल्प बाज़ार, शैक्षिक कार्यक्रम और सामुदायिक संग्रहालय जैसी पहल उपयोगी हैं। पर्यटन-आधारित आजीविका भी सांस्कृतिक संरक्षण में मदद कर सकती है—परन्तु जिम्मेदार (sustainable) पर्यटन आवश्यक है।

Exam Tip: परीक्षाओं में अक्सर पूछा जाता है—“Bhil जनजाति का प्रमुख वितरण किस क्षेत्र में है?”, “Rabari/Meena की आजीविका क्या है?”—उत्तर देते समय नाम → मुख्य जिले/क्षेत्र → आजीविका का फॉर्मेट रखें।

त्वरित सारांश

  • मुख्य जनजातियाँ: Bhil, Meena, Sahariya, Garasia, Banjara, Rabari
  • भौगोलिक केन्द्र: दक्षिण-पश्चिम (Bhil belt), पूर्व/दक्षिण-पूर्व (Meena / Sahariya)
  • आजीविका: कृषि, जंगल आधारित कार्य, पशुपालन, हस्तशिल्प
  • चुनौतियाँ: भूमि अधिकार, शिक्षा/स्वास्थ्य की कमी, गरीबी

प्रैक्टिस MCQ — प्रमुख जनजातियाँ

  1. Bhil जनजाति भारत के किस भाग में राजस्थान में अधिक केंद्रित है?
    (A) उत्तर-पूर्वी (B) दक्षिण-पश्चिमी (C) उत्तरी (D) पश्चिम-उत्तर
  2. निम्न में से कौन-सी जनजाति पारंपरिक रूप से पशुपालन (camel/ship/गाय-बकरी) से जुड़ी मानी जाती है?
    (A) Bhil (B) Meena (C) Rabari (D) Sahariya
  3. Sahariya जनजाति का संबंध किस प्रकार के क्षेत्रों से माना जाता है?
    (A) पहाड़ी घने जंगल (B) तटीय क्षेत्र (C) मिश्रित कृषि-वन क्षेत्र (D) शहरी क्षेत्र
  4. जनजातीय कल्याण उपायों में अक्सर किन विषयों पर प्राथमिकता दी जाती है?
    (A) कला-प्रदर्शनी (B) शिक्षा, भूमि अधिकार, स्वास्थ्य और आजीविका (C) केवल पर्यटन (D) केवल कानूनी वाद
उत्तर: 1-(B), 2-(C), 3-(C), 4-(B)

10.7 उपयोगी इमेज / प्रॉम्प्ट (for generating assets)

  • Tribal portrait collage prompt:
    “Flat vector collage of Rajasthan tribal life: Bhil woman in traditional dress, Meena farmer ploughing, Rabari herder with camels, Sahariya herbalist gathering plants — pastel palette, respectful and documentary style.”
  • Tribal distribution map prompt:
    “Map of Rajasthan showing tribal belts (Bhil belt, Meena areas, Sahariya pockets) with simple icons for livelihood (axe, plough, camel), clean educational infographic style.”
  • Handicraft market prompt:
    “Scene of tribal handicraft bazaar—embroidery, pottery, beadwork stalls, women artisans, minimal flat colors, high resolution.”

Categorised Posts