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राजस्थान भूगोल · टॉपिक 6

राजस्थान की प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)

राजस्थान की प्राकृतिक वनस्पति जलवायु, वर्षा, मिट्टी और भौगोलिक स्वरूप के अनुसार विविध रूपों में पाई जाती है। पश्चिमी शुष्क मरुस्थल से लेकर दक्षिणी घने पर्णपाती वन तक—राज्य में वनस्पति का व्यापक भौगोलिक अंतर देखने को मिलता है। यह अध्याय RAS, SI, Patwari, REET, 1st Grade सभी परीक्षाओं में पूछा जाता है।

Rajasthan Vegetation Illustration
प्रदेश का कुल वन क्षेत्र लगभग 7–8% (अधिकांश अरावली व दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्रों में)
मुख्य वन प्रकार उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती, कांटेदार झाड़ीदार वन, मिश्रित वन
प्रमुख वृक्ष खेजड़ी, बबूल, रोहिड़ा, सालार, ढाक, टीक
जैव विविधता हॉटस्पॉट अरावली क्षेत्र, दक्षिण राजस्थान—उदयपुर, बांसवाड़ा, डूँगरपुर

6.1 प्राकृतिक वनस्पति का आधार

राजस्थान में वनस्पति का निर्माण मुख्यतः वर्षा, तापमान, मिट्टी, ढाल और मरुस्थलीय हवाओं से प्रभावित होता है। वर्षा में पश्चिम से पूर्व की ओर वृद्धि होने पर वनस्पति क्रमशः घनी होती जाती है।

राजस्थान — वनस्पति मानचित्र

परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रमुख वन क्षेत्र
Rajasthan Vegetation Map

*Prompt: “Flat vector vegetation map of Rajasthan showing desert scrub (west), thorn forests (NW), dry deciduous forests (east), dense mixed forests (south Aravalli), green tone infographic.”

6.2 राजस्थान की प्रमुख वनस्पति प्रकार

1. शुष्क मरुस्थलीय वनस्पति (Desert Vegetation)

जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर में पाई जाती है।

  • मुख्य पौधे: खेजड़ी, बबूल, थोर, कुमटी, कंटीली झाड़ियाँ
  • वर्षा: 100–200 मिमी

2. कांटेदार वन (Thorn Forests)

अरावली के पश्चिमी ढाल और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

  • पेड़: बबूल, रोहिड़ा, सालार
  • बनावट: छोटे, बहुउद्देशीय, सूखा सहनशील

3. शुष्क पर्णपाती वन (Dry Deciduous Forests)

अरावली और पूर्वी जिलों में मध्यम वर्षा के साथ विकसित।

  • टीक, ढाक, सालार, बेर
  • वर्षा: 400–700 मिमी

4. घने मिश्रित वन (Southern Dense Forests)

उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ में सबसे घने वन पाए जाते हैं।

  • टीक, सागौन, कछिया
  • जैव विविधता अत्यधिक

5. वन्य झाड़ियाँ एवं चारागाह (Grasslands)

श्रृंगार और चरागाह भूमि—थार में ऊँट, भेड़ पालन के लिए महत्त्वपूर्ण।

6.3 प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ (Important Trees)

  • खेजड़ी (Prosopis cineraria): राजस्थान का "राज्य वृक्ष"; मरुस्थल में जीवन-दायी।
  • रोहिड़ा: राजस्थान का "राज्य पुष्प"; फर्नीचर की उच्च गुणवत्ता।
  • बबूल: काँटेदार शुष्क क्षेत्रों का प्रमुख पेड़।
  • टीक: दक्षिण राजस्थान के सघन वन क्षेत्र में।

6.4 वनस्पति को खतरे (Threats to Vegetation)

  • अत्यधिक चराई (Overgrazing)
  • मरुस्थलीकरण
  • वन कटाव
  • खनन और शहरी विस्तार

6.5 वन संरक्षण एवं कार्यक्रम

  • वन महोत्सव
  • अफोरस्टेशन प्रोग्राम
  • अरावली संरक्षण परियोजना
  • ग्रासलैंड रिस्टोरेशन
  • रेगिस्तानी क्षेत्रों में shelter belts
Exam Tip: “खेजड़ी कहाँ पाई जाती है?”, “कांटेदार वन किस क्षेत्र में?”, “दक्षिण में कौन से वन?”—यह बार-बार पूछा जाता है।

त्वरित सार

  • पश्चिम = मरुस्थलीय वनस्पति
  • अरावली = शुष्क पर्णपाती वन
  • दक्षिण = घने मिश्रित वन
  • खेजड़ी = राज्य वृक्ष
  • रोहिड़ा = राज्य पुष्प

प्रैक्टिस MCQ — प्राकृतिक वनस्पति

  1. राजस्थान का राज्य वृक्ष कौन सा है?
    (A) बबूल (B) टीक (C) खेजड़ी (D) साल
  2. दक्षिण राजस्थान में कौन से वन पाए जाते हैं?
    (A) कांटेदार (B) मरुस्थलीय (C) घने मिश्रित (D) लवणीय
  3. रोहिड़ा किसका प्रतीक है?
    (A) राज्य वृक्ष (B) राज्य पुष्प (C) राज्य पक्षी (D) राज्य पशु
  4. निम्न में से किस क्षेत्र में सबसे कम वनस्पति पाई जाती है?
    (A) अरावली (B) थार मरुस्थल (C) उदयपुर (D) कोटा
उत्तर: 1-(C), 2-(C), 3-(B), 4-(B)

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