राजस्थान में जल संरक्षण (Water Conservation Techniques & Projects)
राजस्थान में वर्षा कम, बाष्पीकरण अधिक और नदियाँ अल्पकालीन होने के कारण जल संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ प्राचीन जल-संरक्षण प्रणालियों से लेकर आधुनिक परियोजनाओं तक का संपूर्ण परीक्षा-उन्मुख विवरण दिया गया है।
9.1 राजस्थान में जल संरक्षण की आवश्यकता
राजस्थान जल-संकटग्रस्त राज्यों में अग्रणी है। उच्च तापमान, मरुस्थलीय हवाएँ, और भूजल का अति-दोहन जल संरक्षण को अनिवार्य बनाते हैं। ऐतिहासिक काल में यहाँ समुदाय-आधारित जल संरचनाएँ विकसित हुईं, जो आज भी उपयोगी हैं।
जल संरक्षण – राजस्थान मानचित्र (Illustration)
Placeholder – बाद में कस्टम वेक्टर मानचित्र लगाएँ
*Prompt: “Flat vector map showing Rajasthan’s water conservation zones—Johad belt, Baori regions, Tankas in western districts, ERCP zone, IGNP command area.”
9.2 राजस्थान की परंपरागत जल-संरक्षण तकनीकें
1. टांका (Tanka)
पश्चिमी राजस्थान में वर्षा जल को संग्रह करने की सबसे महत्वपूर्ण तकनीक।
- गोलाकार भूमिगत जल-संग्रहण संरचना
- जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर में प्रचलित
- गृह-उपयोग एवं पशुपालन में अत्यंत महत्वपूर्ण
2. जोहड़ / नाड़ी
छोटे जल–संग्रहण तालाब जो गाँवों में जल recharge बढ़ाते हैं।
- शेखावाटी और पूर्वी राजस्थान में प्रमुख
- निचले क्षेत्र में वर्षा जल संचयन
3. बावड़ी / स्टेपवेल
- सीढ़ीनुमा जल-भंडारण
- जैसे – चांद बावड़ी (आभानेरी), तोरण बावड़ी
4. खडीन (Khadeen)
थार मरुस्थल में कृषि हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीक — जैसलमेर क्षेत्र में विशेष प्रचलन।
- रेतीली ढलानों में वर्षा जल रोकना
- कृषि योग्य मिट्टी बनाना
5. बेरियाँ (Beris)
रेगिस्तानी क्षेत्रों में ताजे जल तक पहुँचने के लिए मिट्टी में खोदी गई छोटी संरचनाएँ।
9.3 आधुनिक जल-संरक्षण परियोजनाएँ
1. जल स्वावलंबन अभियान
- हर गाँव – जल स्वावलंबी
- नालों की सफाई, Check Dams निर्माण
- Village-level planning
2. ERCP – Eastern Rajasthan Canal Project
पूर्वी राजस्थान को जल-समृद्ध बनाने हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना।
- 13 जिलों को पेयजल/सिंचाई
- चंबल बेसिन का उपयोग
- बाढ़-प्रभावित जल → सूखे क्षेत्रों की तरफ
3. जल जीवन मिशन
- हर घर नल से जल
- ग्रामीण पाइपलाइन विस्तार
4. ग्राउंडवॉटर रिचार्ज परियोजनाएँ
- Recharge shafts
- Percolation tanks
- Artificial recharge wells
9.4 राजस्थान में जल-संरक्षण से जुड़ी चुनौतियाँ
- कम वर्षा व उच्च बाष्पीकरण
- मरुस्थलीय विस्तार
- भूजल स्तर का गिरना
- अत्यधिक दोहन – कृषि क्षेत्र में
- शहरीकरण से जलक्षेत्र प्रभावित
9.5 समाधान व सुधार रणनीतियाँ
- वर्षा जल-संचयन अनिवार्य
- स्मार्ट जल प्रबंधन प्रणाली
- कुशल सिंचाई – ड्रिप/स्प्रिंकलर
- नालों/तालाबों का पुनर्जीवन
- सामुदायिक आधारित जल-संचयन
त्वरित सारांश
- टांका – पश्चिम राजस्थान की जल संग्रहण तकनीक
- खडीन – जैसलमेर की कृषि जल-संरक्षण प्रणाली
- जोहड़ – जल संचयन + भूजल recharge
- ERCP – पूर्व राजस्थान की जीवनरेखा
- जल स्वावलंबन अभियान – गाँव-स्तरीय जल प्रबंधन
प्रैक्टिस MCQ — जल संरक्षण
- खडीन प्रणाली किस क्षेत्र में प्रसिद्ध है?
(A) मेवाड़ (B) हाड़ौती (C) जैसलमेर (D) सीकर - टांका किस प्रकार की संरचना है?
(A) कुआँ (B) भूमिगत जल-संग्रहण टैंक (C) तालाब (D) बाँध - ERCP का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(A) पर्यटन (B) उद्योग स्थापना (C) सिंचाई + पेयजल (D) विद्युत उत्पादन - ‘जोहड़’ किसके लिए प्रसिद्ध है?
(A) सिंचाई (B) जल-संचयन (C) खनन (D) ऊर्जा उत्पादन
